हज़रते ओवैस क़रनी के बारे में शबे बरात पर झूठी रिवायत

Owaise Qarni Ka Apna Dant Shaheed Karna


हज़रते ओवैस क़रनी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की ज़ानिब झूठी रिबायत मंसूब करना

👑 आप जलीलुल क़द्र ताबईन और मुक़्तदा ए अरबईन में से हुए हैं! हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फ़रमाया करते हैं कि“ ओवैस एहसान व महेरबानी के ऐतबार से बेहतरीन ताबईन में से है" और जिसकी तौसीफ़ सरकारे दोआलम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम फ़रमा दें उसकी तारीफ़ दूसरा कोई क्या कर सकता है! बाज़ औक़ात कुछ जगह देखने को मिलता है कि हज़रते ओवैस क़रनी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु कि ज़ानिब कुछ झूठी रिबायत मंसूब की जाती हैं उनमें से एक रिबायत ये भी है कि:-

🦷 हज़रते ओवैस क़रनी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु  ने जब ये सुना कि ग़ज़बए उहद में हुज़ूरे अक़दस सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के दंदान (दाँत) मुबारक़ शहीद हो गए  तो उन्होंने अपने सब दाँत तुड़वा डाले और उन्हें खाने के लिए किसी ने हलवा पेश किया ये झूठी और मनघड़त रिबायत है इसकी कोई असल नहीं!
*(📚फ़तावा शरेह  बुख़ारी ज़िल्द 2 सफ़ह,115)*

*🔥झूठी रिबायत का खुलासा*

🍲 हुज़ूर मुफ़्ती मुहम्मद शरीफुल हक़  अमज़दी अलैहिर्रहमा तहरीर फ़रमाते हैं कि ये रिबायत बिल्कुल झूठ तज़किरा है के जब हज़रत ओवैस क़रनी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने जब ये सुना कि ग़ज़बए उहद में हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के दंदान मुबारक़ शहीद हुए थे तो उन्होंने अपने सब दाँत तोड़ डाले और उन्हें खाने के लिए किसी ने हलवा पेश किया!

🍌 मशहूर है कि हज़रते ओवैस क़रनी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने जब ये सुना के आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का दांत मुबारक़ जंगे उहद में शहीद हो गया तो आपने अपने सारे दाँत हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की मोहब्बत में शहीद कर डाले फिर आपके लिए अल्लाह तआला ने केला पैदा किया लेकिन हक़ीक़त ये है के ये वाक़या सरअसल मनघड़त है! बाज़ तज़किरा की किताबों में अगर्चे मौजूद है लेकिन वो बे दीनों की मिलाबट है फ़तावा बरेली शरीफ में है के ऐसी रिबायत नज़र से न गुज़री और नाही ऐसी रिबायत है!
(📚 फ़तावा ए शारेह बुख़ारी ज़िल्द 2 सफ़ह,115)
(📚फ़तावा बरेली शरीफ सफ़ह,301)

💖 उम्मुल मोमेनीन सय्यदना आईशा सिद्दीक़ा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा फरमाती हैं कि हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम को खाने में हलवा और शहद बहुत पसन्द थे

*(📚 बुखारी,जिल्द 2,हदीस 5682)*

👥 मगर अवाम में जो ये मशहूर है कि इस दिन हज़रत ओवैस क़रनी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की फातिहा करते हैं और इसकी दलील ये देते हैं कि हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का जंगे उहद में दन्दाने मुबारक शहीद होने की खबर सुनकर हज़रत उवैस करनी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने अपने सारे दांत तोड़ डाले थे ये रिवायत सही नहीं है बल्कि शबे बरात और हज़रत उवैस करनी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु में कोई कनेक्शन नहीं है,

हां रही बात ईसाले सवाब की तो बिलकुल हज़रत उवैस करनी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का नाम भी नज़्र में शामिल किया जाए इसमें कोई हर्ज नहीं मगर लोगों की इस्लाह की जाए कि बे अस्ल बातों से परहेज़ करें,युंही फातिहा व नज़रों नियाज़ हर उस चीज़ पर कर सकते हैं जिसका खाना जायज़ है उसके लिए किसी खास खाने की क़ैद लगाना भी दुरुस्त नहीं है लिहाज़ा जिसके जो दिल में आये पकाकर ईसाले सवाब करे!


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