माँ की मोहब्बत ऐसी होती है

हमने देखा बच्चा जवान हो गया काम करने बाहर निकला, रात को आने में देर हो गयी घर के सब लोग अपने वक़्त पर खा लेंगे, एक माँ होगी जो इंतजार में रहेगी, 

माँ की मोहब्बत ऐसी होती है


घर के सारे लोग कहते है कि खा लो, यह कहेगी नहीं मैं बाद में खाऊँगी, 
उसके दिल मे यह होता है मालूम नहीं मेरे बेटे को खाना मिला होगा या नहीं जब मैं उसे देखूँगी फिर वह भी खायेगा मैं खाऊँगी, 
सारे घर के लोग सो जाते है, यह माँ बिस्तर पर करवटें बदल रही होती है, कभी दरवाजे को देखती है तो कभी फोन की घण्टी सुनने लगती है, 
की मेरे बच्चे का कहीं पैग़ाम आय दिल घबराता है उठके मुसल्ले पर बैठ जाती है और दुपट्टा आसुंओ से तर कर लेती है, अल्लाह ! मेरे बेटे की हिफाजत करना, 
खैरियत से वापस घर आ जाये, आखिर यह क्या है ? 

यह माँ के दिल मे औलाद की मोहब्बत है, बल्कि सच्ची बात तो यह है कि दुनिया के सब लोग नेकों ( नेक लोगो ) से मोहब्बत करते है लेकिन माँ एक हस्ती है जो बद औलाद से भी मोहब्बत करती है

खाविंद ( husbund ) नाराज हो रहा है कि तुम्हारे प्यार ने बच्चों को बिगाड़ दिया, यह कहेगी मुक्कदर था उनका, मैं क्या करूँ, आखिर मेरा तो बच्चा है
बाप गुस्से में कह जाये बच्चे को की घर से चले जाओ
लेकिन माँ अपने जबान से कह नहीं, 
यह नेक और बुरी दोन्हों औलाद से मोहब्बत करती है, अल्लाह रब्बुल इज्जत ने उसके दिल को ममता से भर दिया, 
यह वह नेअमत है जो बाजारों में नहीं मिल सकती, 
ममता वह नेअमत है किसकी क़ीमत कोई अदा नहीं कर सकता और उसको माँ के सिवा कोई समझ भी नहीं सकता
☺  *आगे भेजने की गुजारिश* ☺

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