ऐसे मैसेज किसी को ना भेजें यह गलत है

ऐसे मैसेज किसी को ना भेजें यह गलत है

ऐसे मैसेज किसी को ना भेजें यह गलत है

फिज़ूल और मनघड़त बातें जिनका कुरान और हदीस से कोई ताल्लुक नहीं
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(1) रमजान 27th May को शुरू होगा! नबी ﷺ ने फरमाया था, जो रमजान कि खबर सबसे पहले किसी को देगा, उसके लिए जहन्नुम की आग हराम होगी!❌
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(2) आज क़ुरान शरीफ को 1441 साल पुरे हो गए। ❌
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(3)आज सूरज या चाँद ठीक *खाने काबा* के ऊपर है जो मांगोगो मिलेगा। ❌
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(4) बीबी जैनब का ख़्वाब, ❌
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(5) बीबी फातिमा की पैदाइश है जो मांगोगो वह मिलेगा।  ❌
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(6) रमज़ान की मुबारकबाद पहले देने वाले पे जन्नत फर्ज। ❌
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(7) जिसने हदीस सुनकर आगे नहीं बढ़ाया उसको जहन्नम। ❌
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(8) 786 आगे फॉरवर्ड करो। 2 घंटे में अच्छी ख़बर मिलेगी
ना किया तो १ साल तक बदनसीब रहोगे। ❌
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(9)तुमको अल्लाह की/माँ की क़सम/ नबी सल्ल का वास्ता...
ये sms 9 लोग को भेजो, 12 लोग को भेजो। ❌


भाइयो sms सेंड कर देने और न करने से कुछ नहीं होता, ये सिर्फ इंसानी सोच है और शैतानी वसवसा है इस्के अलावा कुछ नहीं। जिसका शरियत से कोई वास्ता नहीं..❌

क्या ये sms तय करेंगे की जन्नत किसको मिलेगी और जहन्नम किसको??


अगर ऐसा ही होता तो....?

मस्जिद के मौलवी रात की नींद ख़राब कर के फजर के लिए नहीं उठते।

अपनी ज़िन्दगी को इल्मे दीन सीखने में खर्च न कर के दिन भर WhatsApp में सबको sms करते,

अगर मैसेज भेजने से जन्नत जहन्नम का फैसला होता या अच्छि बुरी क़िस्मत का फ़ैसला होता तो नमाज़, रोज़ा, ह़ज, ज़कात, सदक़ा, क़ुरआन करीम की तिलावत और अल्लाह से दुआ़ मांगना वग़ैरह किस काम का?

*जन्नत, लंगर का हलवा नहीं जो हाथ बढ़ाया और मिल गई*
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*अजीब जाहिल है वो लोग जो ऐसे sms इजाद करते है।*

 *और तो और* *कुछ लोग डर के मारे आगे फॉरवर्ड कर देते है ताकि हमको कुछ न हो।*

कब तक इस तरह की जाहिलाना हरकते चलती रहेगी।
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अल्लाह के वास्ते अब यह सब बंद करिये....

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