चुगलखोरी किसे कहते हैं

चुगलखोरी किसे कहते हैं

चुगलखोरी किसे कहते हैं


चुगली :- या'नी किसी की बात सुन कर किसी दूसरे से इस तौर पर कह देना कि दोनों में इख़्तिलाफ़ और झगड़ा हो जाए।

येह बहुत बड़ा गुनाह और बहुत खराब आदत है। तजरिबा है कि मर्दों से जियादा औरतें इस गुनाह में मुब्तला हैं।

हदीष शरीफ़ में चुगल खोरी को रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने गुनाहे कबीरा बताया

यहां तक कि एक हदीष में येह आया है कि चुगुल खोर जन्नत में नहीं दाखिल होगा।
( मुस्लिम शरीफ किताब उल ईमान जिल्द 1 पेज नंबर 66)

और एक हदीष में येह भी है कि तुम लोगों में सब से जियादा खुदा के नजदीक ना पसन्दीदा वोह है जो इधर उधर की बातों में लगाई बुझाई कर के मुसलमान भाइयों में इख़्तिलाफ़ और फूट डालता है।
( अल मुसनद इमाम अहमद बिन हंबल 291)

और एक हदीष में येह भी फ़रमाने रसूल है कि चुगल खोर के आखिरत से पहले उस की कबर में अज़ाब दिया जाएगा।
( बुखारी शरीफ जिल्द 1 पैज 95)

इस के इलावा चुगूली की बुराई के बारे में बहुत सी हदीष आई है। मुसलमान भाइयो और बहनो !

किसी की कोई बात सुनो तो खूब समझ लो कि तुम इस बात के अमीन हो गए अगर दूसरों तक इस बात के पहुंचाने में कोई दीनो दुनिया का फ़ाइदा हो जब तो

तुम ज़रूर इस
बात का चर्चा करो लेकिन अगर इस बात को दूसरों तक पहुंचाने में दो हैं मुसलमानों के दरमियान इख़्तिलाफ़ और झगड़े का अन्देशा हो तो खबरदार खबरदार हरगिज़ कभी भी इस बात का न चर्चा करो न किसी दूसरे से कहो

वरना तुम पर अमानत में खियानत करने और चुगल खोरी का गुनाह होगा और इस गुनाह का दुन्या में भी तुम पर येह वबाल पड़ेगा कि तुम सब की निगाहों में बे वकार और जलीलो ख़्वार हो जाओगे
और आखिरत में भी अज़ाबे जहन्नम के हक़दार ठहरोगे।

Allah Ta'Ala Hamen Is Gunah Se Mahfooz Farmaye
Aameen

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